Wednesday 22 May 2019

लिख रहे कैसी कहानी मुल्क में


लिख रहे कैसी कहानी मुल्क में
कर रहे जो हुक्मरानी मुल्क में

क़द्र खोती ये सियासत देखिए
आम होती बदजुबानी मुल्क में

मुफ़लिसी, बेरोजगारी बढ़ रही
रक़्स करती ख़ुश-गुमानी मुल्क में

अब भरोसा उठ गया है न्याय से
हाए इकतर्फ़ा बयानी मुल्क में

ख़ौफ़  का माहौल ऐसा बन गया
अब न होती हक़ बयानी मुल्क में

आँख से पट्टी हटा कर देखिए
क्या फ़ज़ाएँ शादमानी मुल्क में


कम नहीं हैं ज़ीस्त की दुश्वारियाँ  
आफ़तें कितनी उठानी मुल्क में

प्यार कितना है वतन से बोलिए
चाहिए इसकी निशानी मुल्क में

© हिमकर श्याम



(चित्र गूगल से साभार)



Monday 1 April 2019

अप्रैल फूल


मूर्ख बने तो क्या हुआ, रखिए खुद को कूल।
हँसे-हँसाएँ आप हम, डे हैअप्रैल फूल।।

मूर्ख दिवस तो एक दिन, बनते हम सब रोज। 
मूर्खों की इस भीड़ में, महामूर्ख की खोज।। 

मूर्ख बना कर लोक को, मौज करे ये तंत्र ।। 
धोखा, झूठ, फ़रेब, छल, नेताओं के मंत्र।।


© हिमकर श्याम

(चित्र गूगल से साभार)




Thursday 21 March 2019

अच्छे दिन की आस में

                   जोगीरा सारा रा रा रा-2
      [होली के कुछ  रंग, हास्य-व्यंग के संग]

16. जुड़ता कुनबा देखते, रघुवर हैं बेचैन
      अरसे से हेमंत की, सत्ता पर है नैन
      जोगीरा सारा रा रा रा
17. काशी क्योटो बन रही, बदला अस्सी घाट
      कॉरिडोर के नाम पर, खड़ी हो रही खाट
      जोगीरा सारा रा रा रा
18. दिन-रात ही फेंकते, करते मन की बात
      नाकामी चहुँओर है, अंधभक्त हैं साथ
      जोगीरा सारा रा रा रा
19. खेती से आमद घटी, जीडीपी बेहाल 
      अच्छे दिन की आस में, बीता पाँचों साल
      जोगीरा सारा रा रा रा
20. एयर स्ट्राइक ने किया, दुश्मन को हलकान
     झटके में ही बिखर गए, राहुल के अरमान 
     जोगीरा सारा रा रा रा
21 . मुँह से गोले दागते, सिद्धू बारम्बार
      सिब्बल,थरूर दिग्विजय, करते बंटाधार
      जोगीरा सारा रा रा रा
22. ढूँढ़ रहा है केजरी, अपना साझेदार
      छूटा साथ विश्वास का, कैसे हो एतबार
      जोगीरा सारा रा रा रा
23. रातों-रात बदल गए, नेताओं के रंग
      कलतक जिसके साथ थे, आज उसी से जंग
      जोगीरा सारा रा रा रा
24. नाहक यह तकरार है, खींची है तलवार
      राजनीति के खेल का, राष्ट्रवाद हथियार
      जोगीरा सारा रा रा रा
25. अब संतों के भेष में, जुर्म बहुत संगीन
      काशी-काबा में मिले, मन के जो रंगीन
       जोगीरा सारा रा रा रा
26. ईवीएम पर तकरार है, उठने लगे सवाल
      छेड़छाड़ की बात पर, होता ख़ूब बवाल
      जोगीरा सारा रा रा रा
27. कांग्रेस सत्ता ले उड़ी, भौचक है परधान
      तीन राज्य में हार से, शाह बहुत हैरान
      जोगीरा सारा रा रा रा
28. होली के हुड़दंग में, निकले मस्त मलंग
      किसको यारों होश है, पीकर ठर्रा भंग
      जोगीरा सारा रा रा रा
29. सरहद पर सैनिक मरे, मरता दीन किसान
      बदल रहा है दोस्तो, अपना हिंदुस्तान
       जोगीरा सारा रा रा रा
30. इनके पाले जो रहे, करे देश से प्यार
      उस खेमे में जो गया,कहलाता गद्दार
       जोगीरा सारा रा रा रा

समाप्त


© हिमकर श्याम


(चित्र गूगल से साभार)



सोया चौकीदार






जोगीरा सारा रा रा रा-1

[होली के कुछ  रंग, हास्य-व्यंग के संग]


1. घर-घर मोदी की जगह, मैं भी चौकीदार
    नारा लाया फिर नया, जुमलों का सरदार
    जोगीरा सारा रा रा रा
2. राफेल डील केस में, उलझी है सरकार 
    फाइल चोरी हो गई, सोया चौकीदार
    जोगीरा सारा रा रा रा
3. हाथी सहचर साइकिल, लालटेन का हाथ
    तीर- कमल साथी बने, झाड़ू हुआ अनाथ
    जोगीरा सारा रा रा रा
4. बहन प्रियंका बोट से, माँग रही हैं वोट
    बीजेपी यह कह रही, जीजाजी में खोट
    जोगीरा सारा रा रा रा
5. पप्पू का तमगा लिए, उड़ा रहे राफेल
    मोदी के ब्रह्मास्त्र से, बिगड़ा सारा खेल
    जोगीरा सारा रा रा रा
6. ममता दीदी चाहतीं, पीएम पद का ताज
    करती हैं बंगाल में, एकछत्र ही राज
    जोगीरा सारा रा रा रा
7. नेताजी अब खा रहे, नेता जी से बूट
    योगी की सरकार में, मिली है खुली छूट
    जोगीरा सारा रा रा रा
8. विफल हुई रणनीति, चीन बना सरदर्द
    कैसे घोषित हो भला, मसूद दहशतगर्द
    जोगीरा सारा रा रा रा
9. लालू यादव जेल में, मुश्किल में परिवार
    दिशाहीन राजद हुई, ईडी करे प्रहार
    जोगीरा सारा रा रा रा
10.महबूबा का प्रेम अब, हुआ और मजबूत
     खुल्लमखुल्ला कह रही, आतंकी भी पूत
     जोगीरा सारा रा रा रा
11.स्वदेशी के नाम पर, चलती रही दुकान
     बाबा लेकर आ गये, पातंजलि परिधान
     जोगीरा सारा रा रा रा
12. फाइटर प्लेन को लिए, पहुँचा सीमा पार
      अभिनंदन जाबांज में, साहस शौर्य अपार
      जोगीरा सारा रा रा रा
13. मोदी जी भी पूछिए, सिस्टम ही बेहाल
      दोषी इसका एक है,नाम जवाहर लाल
      जोगीरा सारा रा रा रा
14. बिना राम के नाम के, होगा बेड़ा पार
       मुद्दों पर भारी हुआ, राष्ट्रवाद का ज्वार 
       जोगीरा सारा रा रा रा
15. योगी  का  अब  राज है, योगी मालामाल
      माया ममता छोड़िए, भगवा बड़ा कमाल
      जोगीरा सारा रा रा रा


       क्रमश: 

© हिमकर श्याम


(चित्र गूगल से साभार)

Monday 4 March 2019

सृष्टि और संहार शिव


निराकार-साकार शिव, शिव में नहीं विकार।
सृष्टि और संहार शिव, शिव ही पालनहार।।

बाघ छाल का वस्त्र है, ग्रीवा में मुंडमाल।
बसे हलाहल कंठ में, सोम सुशोभित भाल।।

डमरू शिव के हाथ में, बहे शीश से गंग।
अंगराग शव भस्म है, लिपटा गले भुजंग।।

बाम भाग में पार्वती, बैठे नन्दी द्वार।
अविनाशी नटराज हैं, नश्वर सब संसार।।

शिव देवों के देव हैं, शिव सर्वशक्तिमान।
नीति धर्म के मूल हैं, करते जग कल्याण।।

ॐ कार के जाप से, मिटे कलुष अज्ञान।
बम बम भोले बोलिए, धरिए शिव का ध्यान।।

© हिमकर श्याम


(पेंटिंग छोटी बहन श्रद्धा श्रीवास्तव की)

Saturday 23 February 2019

जन्नत लहूलुहान


घाटी में षड्यंत्र से, दहला हिंदुस्तान 
सहमे पेड़ चिनार के, जन्नत लहूलुहान

बिना युध्द मारे गये, अपने सैनिक वीर 
आहत पूरा देश है, हृदय-हृदय में पीर

पत्नी बेसुध है पड़ी,बच्चा करे विलाप
अम्मा छाती पीटती, मौन खड़ा है बाप

रक्त वर्ण झेलम हुई, क्षत-विक्षत है लाश
कितनी गहरी वेदना, फफक रहा आकाश

निगरानी की चूक से, आतंकी आघात
हमले की फ़िराक़ में, दुश्मन थे तैनात

घात नहीं यह जंग है, अब तो हो प्रतिकार
साजिश में तल्लीन जो, उनपर भी हो वार

कब तक दूध पिलाएगा, बुरे इरादे भाँप
डँसते हैं हर बार ही, आस्तीन के साँप

ग़म गुस्सा आक्रोश है, पीड़ा अतल अथाह
राजनीति करती कहाँ, इन सब की परवाह

कश्मीरी से बैर क्यों, आख़िर क्या है दोष 
उन्मादी इस दौर में, बचा रहे कुछ होश 

दहशतगर्दों के लिए, क्या मजहब क्या जात
अगर हुकूमत ठान ले, क्या उनकी औक़ात


© हिमकर श्याम 

(चित्र unsplash से साभार)


Thursday 14 February 2019

हिज्र की रात तो ढली ही नहीं



हिज्र  की रात तो ढली ही नहीं
वस्ल की  आरज़ू गई ही नहीं

मेरे दिल में थी बस तेरी चाहत
आरजू  और कोई थी  ही नहीं

मैंने तुझको  कहाँ  नहीं  ढूँढा
यार तेरी ख़बर मिली ही नहीं

इश्क़ से थी हयात में लज़्ज़त
ज़िन्दगी बाद तेरे जी ही नहीं

मिन्नतें इल्तिज़ा  न कम की थी
बात लेकिन कभी सुनी ही नहीं 

काश कोई सुराख़ मिल जाये
बंद कमरे में  रोशनी ही नहीं

उससे कोई  उमीद मत रखना
वो भरोसे का आदमी ही नहीं

हर जगह देखता तेरी सूरत
फ़िक़्र से दूर तू गई ही नहीं

इक अज़ब सा सुकूत है  हिमकर
बात बिगड़ी तो फिर बनी ही नहीं


© हिमकर श्याम

(चित्र गूगल से साभार)


Monday 11 February 2019

श्वेत चतुर्भुज रूप



पद्मासिनि वागीश्वरी, श्वेत चतुर्भुज रूप
पुस्तक वीणा हाथ मे, बुद्धि ज्ञान प्रतिरूप

प्राणी को वाणी मिली, सुन वीणा की नाद
मौन सृष्टि करने लगी, आपस में संवाद


© हिमकर श्याम

(चित्र गूगल से साभार)

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Thursday 7 February 2019

गुलाब की बातें




वो हया,वो हिजाब की बातें
उसके हुस्नो शबाब की बातें
बाग में जो निखार लाया था
याद है उस गुलाब की बातें


         © हिमकर श्याम

(चित्र गूगल से साभार)




Monday 4 February 2019

जीवन : तीन सेदोका


(एक)

रात अँधेरी
कान्तिमय दीपक
कंपित प्रज्वलित
खड़ा अकेला
सुख-दुःख संताप
लड़ना चुपचाप

(दो)

सृजन सीख
ठूंठ पर कोपल
दुःख पे सुख जय
आवाजाही है
पतझड़ वसंत
हंसते रोते जन

(तीन)

लघु जीवन
कंटकित डगर
कोशिशें बेअसर
व्यथित मन
हारे बैठे क्यूँ भला
सीखें जीने की कला


[सेदोका जापानी कविता की एक शैली है]

© हिमकर श्याम



(चित्र गूगल से साभार)