Thursday, 25 March 2021

अच्छी नहीं लगती



 


 रवानी गर नहीं हो तो नदी अच्छी नहीं लगती
कोई फ़ितरत बदलती चीज़ भी अच्छी नहीं लगती

जहाँ इंसानियत के नाम पर कुछ भी नहीं बाक़ी
वहाँ तहज़ीब की बेचारगी अच्छी नहीं लगती

छलकते बाप के आँसू, सिसकती रात भर अम्मा
बुढ़ापे में किसी की बेबसी अच्छी नहीं लगती

कहीं पे जश्न का आलम, कहीं पे मुफ़लिसी तारी
चराग़ों के तले यह तीरगी अच्छी नहीं लगती

खिलौनों की जगह हाथों में बच्चों के कटोरे हैं
किसी मासूम आँखों में नमी अच्छी नहीं लगती

कभी जो साथ रहते थे, हुए हैं दूर वो मुझसे
मुझे यूँ दोस्तों की बेरुख़ी अच्छी नहीं लगती

तुम्हारी याद में अक्सर मैं ख़ुद को भूल जाता हूँ
जमाने को मेरी ये बे-ख़ुदी अच्छी नहीं लगती

© हिमकर श्याम

(चित्र गूगल से साभार)


15 comments:

  1. वाहह!!हर एक शे'र बेमिसाल.

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २६ मार्च २०२१ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    ReplyDelete
  4. लाजवाब, हर शेर शानदार, बहुत खूब लिखा है, बधाई हो, सादर नमन

    ReplyDelete
  5. छलकते बाप के आँसू, सिसकती रात भर अम्मा
    बुढ़ापे में किसी की बेबसी अच्छी नहीं लगती///
    भावपूर्ण शेरों से सजी पठनीय रचना 👌👌👌हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏

    ReplyDelete
  6. छलकते बाप के आँसू, सिसकती रात भर अम्मा
    बुढ़ापे में किसी की बेबसी अच्छी नहीं लगती

    आह , बहुत संवेदनशील ग़ज़ल ...

    ReplyDelete
  7. आपके ब्लॉग को फ़ॉलो कैसे किया जाये ? फोलोवर का गेजेट लगायें ... ब्लॉग तक पहुँचाने में पाठक को आसानी होगी .

    ReplyDelete
    Replies
    1. है न दीदी
      इस लिंक को पकड़ कर जाइए
      सादर नमन

      Delete
    2. जी, लगाया तो है। 🙏

      Delete
  8. मेरी ये बे-ख़ुदी अच्छी नहीं लगती
    बहुत सुन्दर
    सादर

    ReplyDelete
  9. वाह ... हर शेर कमाल का है ...
    जोरदार गज़ल हुई ... जिंदाबाद सर ...

    ReplyDelete
  10. छलकते बाप के आँसू, सिसकती रात भर अम्मा
    बुढ़ापे में किसी की बेबसी अच्छी नहीं लगती,,,,,।बहुत दिन के बाद आप की रचना पढ रहीं हूं,हर पंक्ति लाजवाब है, आदरणीय शुभकामनाएँ ।

    ReplyDelete
  11. संवेदनशील ग़ज़ल ...
    जरूरी कार्यो के ब्लॉगजगत से दूर था
    आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ

    ReplyDelete

आपके विचारों एवं सुझावों का स्वागत है. टिप्पणियों को यहां पर प्रकट व प्रदर्शित होने में कुछ समय लग सकता है.