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[पितृ दिवस पर]  
 
 
जीवन के आधार में
 
लयबद्ध संस्कार में  
नाम में, पहचान में  
झंझावतों, तूफान में 
प्राणों पे उपकार पिता के 
 
डाँट में, फटकार में  
प्यार और दुलार में 
बंदिशों, नसीहतों में 
सबकी जरूरतों में  
काँधे पर है हाथ पिता के 
 
मनचाहे वरदान में 
हर आँसू, मुस्कान में 
अनजाने विश्वास में 
सुरक्षा के अहसास में  
मत भूलो अहसान पिता के 
 
सादगी की सूरत में 
करूणा की मूरत में 
जीने के शऊर में 
अम्मा के सिंदूर में 
निश्छल हैं जज्बात पिता के  
 
सिंधु सी लहक में 
शौर्य की दमक में  
अद्भुत संघर्ष में 
अथाह सामर्थ्य में 
अलहदा ख़्यालात पिता के 
 
देह के आवरण में 
नेह के आचरण में 
रिश्तों के बंधन में 
वंदन और नमन मेंचरणों में कायनात पिता के । 
 
 
[पिता जी] 
 
 
© हिमकर श्याम 
 
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मनचाहे वरदान में
ReplyDeleteहर आँसू, मुस्कान में
अनजाने विश्वास में
सुरक्षा के अहसास में
मत भूलो अहसान पिता के
बहुत सुन्दर भाव
सादगी की सूरत में
ReplyDeleteकरूणा की मूरत में
जीने के शऊर में
अम्मा के सिंदूर में
निश्छल हैं जज्बात पिता के
बहुत खूबसूरत भाव लिए प्यारी रचना सुन्दर शब्द बांध ..हमारे जीवन में पिता की अहम भूमिका होती है ..
पिता श्री को नमन
भ्रमर ५
जज्बातों को क्या खूब लफ्जों में पिरोया है
ReplyDeleteपिता के प्रति अहसासों को बहुत सुन्दर शब्दों में ढाला है...शुभकामनायें!
ReplyDeleteअद्भुत रचना ..... पिता सच में जीवन का सम्बल होते हैं...
ReplyDeleteसादर नमन
डाँट में, फटकार में
ReplyDeleteप्यार और दुलार में
बंदिशों, नसीहतों में
सबकी जरूरतों में
काँधे पर है हाथ पिता के ..
बहुत ही भावमय रचना ... पिता हर कहीं हैं .. हर कठिनाई में हैं ... संबल हैं जीवन का ...
पिता पर उत्कृष्ट और भावपूर्ण रचना ....... पिता आधार होते हैं हमारी जिंदगी का
ReplyDeleteक्या बात है , मंगलकामनाएं आपको !
ReplyDeleteपिता पर बहुत उत्कृष्ट रचना. बहुत बधाई.
ReplyDeleteवंदना जी, भ्रमर जी, संजय भास्कर जी, कैलाश शर्मा जी, डॉ. मोनिका शर्मा जी, दिगम्बर नासवा जी, रंजना जी, डॉ. जेन्नी शबनम जी प्रतिक्रिया और सराहना के लिए आप सभी का ह्रदय से आभार...
ReplyDelete@सतीश सक्सेना जी, हार्दिक अभिनन्दन. प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद.
ReplyDelete@संजू जी, स्वागत एवं आभार