शीराज़ा [Shiraza]
Wednesday, 8 March 2023

टूट रही हैं बेड़ियाँ

›
 एक अघोषित युध्द वह, लड़ती है हर रोज। नारी बड़ी सशक्त है, सहन शक्ति पुरजोर।। टूट रही हैं बेड़ियाँ, दिखता है बदलाव। बेहद धीमी चाल से, बदल रहा बर...
9 comments:
Friday, 22 April 2022

हरी भरी धरती रहे

›
  संकट सिर पर है खड़ा, रहिए ज़रा सतर्क। बचा हुआ है अब कहाँ, मिट्टी से सम्पर्क।। हरियाली पानी हवा, पृथ्वी के उपहार। हर प्राणी के वास्ते, जीवन क...
11 comments:
Monday, 4 April 2022

गमक उठे हैं साल वन

›
  ढाक-साल सब खिल गए, मन मोहे कचनार। वन प्रांतर सुरभित हुए, वसुधा ज्यों गुलनार।। गमक उठे हैं साल वन, झरते सरई फूल। रंग-गंध आदिम लिए, मौसम है ...
8 comments:
Thursday, 14 October 2021

होगी कृपा अनूप

›
  एक   हाथ में है कमल ,   दूजे में त्रिशूल। शैलपुत्री के रूप में , करे कष्ट उन्मूल।।   है शुभ फलदायी बहुत , ब्रह्मचारिणी रूप। मन   स...
5 comments:
Saturday, 2 October 2021

वैष्णव जन की बात

›
  गाँधी ने जग को दिया, सर्वोदय का ज्ञान। सत्य, अहिंसा, सादगी, बापू की पहचान।। सत्य रूप भगवान का, सत्य करे बदलाव। गांधी का संदेश यह,  सर्व-धर...
2 comments:
›
Home
View web version

अपने बारे में

My photo
Himkar Shyam
View my complete profile
Powered by Blogger.