1.
नई कोंपले 
मुस्कुराती कलियाँ 
आया वसंत 
2.
दिशा दिगंत 
सुरभित सुमन
फैली सुगंध 
3.
सरसों झूमी
आम्र कुञ्ज महके 
कूके कोयल  
4.
सेमल खिला  
दहकता पलाश 
वन में आग 
5.
दुल्हन धरा 
खड़ी ओढ़ चुनर
प्रेमी वसंत
6.
स्वर्गिक आभा
ऋतुराज वसंत
कान्हा का रूप
7.
 प्रीत का रंग
राधा-मोहन संग 
ब्रज में होरी 
8.
उड़े अबीर 
मन हुआ अधीर 
पिया न संग 
9.
हर्ष-उमंग 
जीवन बहुरंग 
कोई बेरंग
10.
फाग बयार 
भींगाता तन-मन
चढ़ा ख़ुमार
11.
पी कर भंग 
मन मस्त मलंग 
बाजे मृदंग
12.
बरसे रंग
मस्ती व उमंग 
आ गयी होली
[सभी ब्लॉग विजिटर्स, संगी-साथियों, बंधु-बाँधवों और शुभचिंतकों को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ]
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
![शीराज़ा [Shiraza]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgHlTlgfra8mr_WMUE0ZuO_wX8IURGkJNe2nvpSRsJkeGhyphenhyphenF9w9jl9uzq5YLVqMftwgK57KlSjaIUq9ClwF3Nnns8thhEDmEuEX6fPnArCDwvODZrW4hGkQ6jZBM4C_YI7F9T2e-348TRc/s1600-r/sep+22.jpg) 


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सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
वाह बहुत ही सुन्दर हाइकू ... फगुम, फुहार और होली का आगमन सकारथ कर दिया इन शब्दों में ... होली की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
ReplyDeleteदुल्हन धरा
ReplyDeleteखड़ी ओढ़ चुनर
प्रेमी वसंत बहुत ही सुन्दर , शुभकामनायें आपको भी ।
बहुत ही सुन्दर एक से बढ़कर एक हायकू ..
ReplyDeleteहोली पर्व की शुभकामनाएँ!
बहुत सुंदर हायकू.
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएं !
रंगों के महापर्व होली की
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (07-03-2015) को "भेद-भाव को मेटता होली का त्यौहार" { चर्चा अंक-1910 } पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभारी हूँ... बहुत बहुत धन्यवाद आपका
Deleteसुंदर हायकू.
ReplyDeleteआपको भी होली की असीम शुभकामनायें
ReplyDeleteबेहद खुबसूरत खुबसूरत हाइकु
सुन्दर हाइकु
ReplyDelete......एक से बढ़कर एक खुबसूरत हाइकु
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु...शुभकामनाएं!
ReplyDeleteबासंती हाइकु .... बहुत सुन्दर
ReplyDeleteअहा.., एक से बढ़कर एक हयाकू। मुझे बहुत पसंद आए।
ReplyDeleteहिमकर भाई बासंती बयार
ReplyDeleteफागुन की महक क्या बात है
रंग गए
सुन्दर हाइकु
भ्रमर ५
दिशा दिगंत
ReplyDeleteसुरभित सुमन
फैली सुगंध
बहुत सुन्दर जिसमे मेरे ब्लॉग का नाम है :)
एकसे एक बहुत सुन्दर हाइकु है !
स्वागत एवं आभार
Delete@Sanju ji, Digamber Naswa ji, डॉ. मोनिका शर्मा जी, अल्पना वर्मा जी, राजीव कुमार झा जी, Kunwar Kusumesh ji, vibha rani Shrivastava ji, Onkar ji, संजय भास्कजर जी, Kailash Sharma ji, Vandana Ramasingh ji, कहकशां खान जी, Surendra shukla" Bhramar"5 ji
ReplyDeleteसराहना तथा प्रोत्साहन के लिए आप सभी का हृदय से धन्यवाद एवं आभार !