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भुला कर नफ़रतें सारी गले मिल यार होली मेंमिटा दे अब दिलों की रंजिशें, तक़रार होली में
 
मिटे हर रंज दुनिया से, चमन गुलज़ार होली में
 सभी  के  वास्ते  हो  खुशनुमा  संसार होली में
 
खिली सरसों, हँसे टेसू, पलाशी मन हुआ देखो
 भरे है रंग कुदरत में बड़ा गुलकार होली में
 
नज़ारा है बड़ा दिलकश,  हवा में तैरती ख़ुशबू
 पहन कर झूमता मंज़र गुलों का हार होली में
 
तुम्हारे बिन हैं फ़ीके रंग सारे  अब चले आओ
 लिए बैठे हैं दिल में  हसरत ए  दीदार होली में
 
चढ़ी है फाग की मस्ती,  हिलोरे मारता है दिल
 हैं बिखरे रंग खुशियों के सभी सरशार होली में
 
लिए हाथों में रंगों से भरी पिचकारियाँ  बच्चे
 मचा हुड़दंग सड़कों पे,  सभी तैयार होली में
 
 
घुला है भंग मौसम में, खुमारी चढ़ गई सब पेकि रहना मनचलों से यार तू  हुश्यार होली में
 
 
नहीं चढ़ता कोई भी रंग रंगा प्रीत में जो भीमुझे  भी रंग अपने रंग में  दिलदार होली में
 
जला दो हर बुराई  होलिका  के साथ में  अबकी
 बने हर आदमी अब साहब ए किरदार होली में
 
 
उदासी दूर हो सबकी, लबों पे हो हँसी 'हिमकर' 
मुबारक़ हो सभी को रंग का त्योहार होली में 
 
 
[सभी ब्लॉग विजिटर्स, संगी-साथियों, बंधु-बाँधवों 
 और शुभचिंतकों को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ] 
 
 
© हिमकर
श्याम 
 
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बहुत खूब । होली की शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (25-03-2016) को "हुई होलिका ख़ाक" (चर्चा अंक - 2292) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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रंगों के महापर्व होली की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
खूब -- राग रंग कि हो गई बात होली में, सुंदर रचना के लिए बधाई हिमकर श्याम जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना है |
ReplyDeleteरंगोत्सव के पावन पर्व पर हर्दिक्स शुभकामनायें...सार्थक प्रस्तुति...
ReplyDeleteहिमकर जी....खूबसूरत ग़ज़ल लिखी है. ग़ज़ल तभी मुकम्मल है जब इसमें गेयता हो. जो आपकी ग़ज़ल में है.
ReplyDeleteआपको होली की बहुत बहुत बधाई। होली को समर्पित आपकी यह रचना बहुत ही उम्दा है।
ReplyDeleteउम्दा लेखन
ReplyDeleteहोली का त्यौहार यही कुछ सिखाता है ...
ReplyDeleteभुत ही लाजवाब अनुपम सन्देश देता है हर शेर इस ग़ज़ल का ... बधाई ...
बहुत सुंदर होली गीत |
ReplyDeleteहिमकर जी, आपके ब्लाॅग पर पठनीय और ज्ञानवर्द्धक लेख लिए बधाई। आपके ब्लाॅग को हमने यहां पर Best Hindi Blogs लिस्टेड किया है।
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