Thursday, 7 February 2019

गुलाब की बातें




वो हया,वो हिजाब की बातें
उसके हुस्नो शबाब की बातें
बाग में जो निखार लाया था
याद है उस गुलाब की बातें


         © हिमकर श्याम

(चित्र गूगल से साभार)




4 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (09-02-2019) को "प्रेम का सचमुच हुआ अभाव" (चर्चा अंक-3242) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. पत्रकारिता जगत में चाहे कितनी भी धूम मचा लें। लेकिन शीराजा पर कविता लिखने का समय तो आपको मिल ही जाता है। बहुत खूब।

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  3. बहुत खूब ...
    हुलाब की महम सा लाजवाब मुक्तक ...
    इश्किया होने का मन करता है ...

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