लिख रहे कैसी कहानी मुल्क में
कर रहे जो हुक्मरानी मुल्क में
क़द्र खोती ये सियासत देखिए
आम होती बदजुबानी मुल्क में
मुफ़लिसी, बेरोजगारी बढ़ रही
रक़्स करती ख़ुश-गुमानी मुल्क में
अब भरोसा उठ गया है न्याय से
हाए इकतर्फ़ा बयानी मुल्क में
ख़ौफ़ का माहौल ऐसा बन गया
अब न होती हक़ बयानी मुल्क में
आँख से पट्टी हटा कर देखिए
क्या फ़ज़ाएँ शादमानी मुल्क में
कर रहे जो हुक्मरानी मुल्क में
क़द्र खोती ये सियासत देखिए
आम होती बदजुबानी मुल्क में
मुफ़लिसी, बेरोजगारी बढ़ रही
रक़्स करती ख़ुश-गुमानी मुल्क में
अब भरोसा उठ गया है न्याय से
हाए इकतर्फ़ा बयानी मुल्क में
ख़ौफ़ का माहौल ऐसा बन गया
अब न होती हक़ बयानी मुल्क में
आँख से पट्टी हटा कर देखिए
क्या फ़ज़ाएँ शादमानी मुल्क में
कम नहीं हैं ज़ीस्त की दुश्वारियाँ
आफ़तें कितनी उठानी मुल्क में
प्यार कितना है वतन से बोलिए
चाहिए इसकी निशानी मुल्क में
चाहिए इसकी निशानी मुल्क में
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
वाह
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 22/05/2019 की बुलेटिन, " EVM पर निशाना किस लिए - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (24-05-2019) को "आम होती बदजुबानी मुल्क में" (चर्चा अंक- 3345) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत खूब....
ReplyDeleteप्रशंसनीय.....
ReplyDeleteवाह!!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर... सराहनीय
मुफ़लिसी, बेरोजगारी बढ़ रही
रक़्स करती ख़ुश-गुमानी मुल्क में
बहुत खरी-खरी बात हिमकर श्याम जी ! पर मेरी दोस्ताना सलाह -
ReplyDeleteमुल्क में महफ़ूज़ रहने के लिए,
तुम ज़ुबां, ताले में रखना सीख लो.
जल में रहना है, तो फिर घड़ियाल की
आरती, दिन-रात करना सीख लो.
बहुत ख़ूब आदरणीय
ReplyDeleteसादर
बहुत सुंदर प्रस्तूति, हिमकर जी।
ReplyDeleteवाह!!बहुत खूब!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteवाह!बेहतरीन ग़ज़ल...👌👌👌
ReplyDeleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteहर शेर एक निशाना है आज के समाज पर, सत्ता पर ...
बहुत लाजवाब ग़ज़ल ...
एहसासों को बखूबी पिरोया है आपने।
ReplyDeleteबहुत सुंदर। परंतु,
ReplyDeleteइंतज़ार हुज़ूर थोड़ा कीजिये
होंगी हसीन फिर फिजायें मुल्क में।
बहुत खूब 👌👌
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