कोरोना का फोबिया, दिखता है चहुँओर।
ख़बरों में, अख़बार में, टीवी पर है शोर।।
सूक्ष्म वायरस ने किया, दुनिया को हलकान।
अफरा-तफरीे मची गई, सहमा है इंसान।।
हाथ मिलाना छोड़ कर, नमस्कार जोहार।
मास्क लगा कर घूमते, बड़े- बड़े बरियार।।
बंद स्कूल कॉलेज सब, मंद पड़ा बाजार।
फैल रहा है संक्रमण, मानव है लाचार।।
भूल गए सब देखिए, आपस की तकरार।
कोरोना के सामने, डाल दिए हथियार।।
जमाखोर तो लीन हैं, करने में व्यापार।
कोरोना के नाम पर, डर का कारोबार।।
भांति-भांति की भ्रांतियाँ, नुस्खे यहाँ हज़ार।
अपने-अपने स्वार्थ में, कुत्सित बुद्धि विचार।।
अफवाहों के जाल में, मत फँसिए श्रीमान।
घर बाहर हो स्वच्छता, रखिए इतना ध्यान।।
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
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सटीक प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब दोहे ... करोना के दंश को दर को सहज लिखा है इनमें ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...