Monday 3 November 2014

अज़्म के दीप हवाओं में जलाते रहिए

[मित्रों, नमस्कार! ब्लॉग जगत में प्रवेश के आज एक वर्ष पूरे हो गये। सभी पाठकों, ब्लॉगर बंधुओं, मित्रों, शुभचिन्तकों, प्रशंसकों, समर्थकों और आलोचकों का हार्दिक धन्यवाद। 3 नवम्बर, 2013 को मैंने इस ब्लॉग पर पहली पोस्ट लिखी थी। इस एक साल के सफ़र में आप सब ने जो सहयोग, प्यार और मान  दिया है, उस के लिये मैं बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ। पाठकों के सहयोग के वगैर कोई भी व्यक्ति अधिक समय तक नहीं लिख सकता। अपना स्नेह ऐसे ही बनाये रखें, ताकि मैं अपनी पूरी ऊर्जा, सामर्थ्य, निष्ठा और लगन के साथ लिखता रहूँ। इस मौके पर एक ग़ज़ल आप सब के लिए आपकी शुभकामनाओं, स्नेह, सहयोग और मशवरों का आकांक्षी...]


ज़िन्दगी के इन अज़ाबों को उठाते रहिए
ग़म हजारों हों मगर हँसते हँसाते रहिए

बंदिशें टूट भी जाती हैं सुना है हमने
ग़ाम हर ग़ाम नयी राह बनाते रहिए

मंजिलें दूर अभी, राह जरा है मुश्किल
हौसले दिल में लिए खुद को बढ़ाते रहिए

वक़्त की लहरें बहा देंगी घरौंदे कच्चे
इन थपेड़ों से घरौंदों को बचाते रहिए

जिनकी आंखों में कोई ख़्वाब नहीं सजते हैं
उनकी आंखों में उम्मीदों को जगाते रहिए

हौसलेवाले न घबराते किसी तूफां से
अज़्म के दीप हवाओं में जलाते रहिए

आसमानों से बरसती नहीं अब के रहमत
गुल ख़ज़ाँओ में लहू देके खिलाते रहिए

अजनबी शहर है हर शख़्स नया लगता है
कौन है, क्या है जरा हमको बताते रहिए

दुश्मनी में भी मोहब्बत के चलन रस्म-ओ-रवाज
रंग उल्फ़त के युं चहरों पे चढ़ाते रहिए

सख़्त होती है वफाओं की सबीलें 'हिमकर'
गर हो मंज़िल की तलब पाँव बढ़ाते रहिए

अज़ाब : पीड़ा, ग़ाम : पग, अज़्म : संकल्प, रहमत : कृपा, सबील : मार्ग  

© हिमकर श्याम  
(चित्र गूगल से साभार)

28 comments:

  1. हौसलेवाले न घबराते किसी तूफां से
    अज़्म के दीप हवाओं में जलाते रहिए
    बहुत खूबसूरत गजल.

    ReplyDelete
  2. बढ़िया
    प्रेरणादायी और जीवंत अभिव्यक्ति
    बधाई … सतत लेखन की शुभकामनायें

    ReplyDelete
  3. बहुत ही बढियां गजल..
    ब्लॉगजगत में एक वर्ष पुरे होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई.. निरंतर लेखनी जारी रहे यही शुभकामना...
    :-)

    ReplyDelete
  4. बहुत उम्दा ग़ज़ल...हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  5. कमाल ,,,सब एक से बढकर एक ..बहुत अच्छे , बहुत ही उम्दा । शुभकामनाएं आपको

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहेदिल से आभार... स्वागत है आपका

      Delete
  6. मंजिलें दूर अभी, राह जरा है मुश्किल
    हौसले दिल में लिए खुद को बढ़ाते रहिए ..
    ब्लॉग का सफ़र उसकी मंजिल इतनी दूर भी नहीं ... इतनी कठिन भी नहीं ... बस आगे का सफ़र तय करते रहिये ....
    बधाई आपको एक वर्ष पूरे होने की .... लाजवाब ग़ज़ल से आज का धमाका किया है आपने ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. ग़ज़ल आप तक पहुंची मुझे बेहद ख़ुशी हुई.. बहुत बहुत शुक्रिया आपका…

      Delete
  7. खुबसूरत अभिव्यक्ति .... उम्दा गजल
    ब्लॉगजगत में एक वर्ष पुरे होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई.. निरंतर लेखनी जारी रहे यही शुभकामना

    ReplyDelete
    Replies
    1. बेहद शुक्र्गुज़ार हूँ आ०

      Delete
  8. हौसलेवाले न घबराते किसी तूफां से
    अज़्म के दीप हवाओं में जलाते रहिए

    बहुत बढ़िया !!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत शुक्रिया

      Delete
  9. बेहद उम्दा शायरी।
    गज़ल और गीत के अशआर बनाते रहिये
    और हम जैसों को खुशियों से खिलाते रहिये।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बेहद शुक्र्गुज़ार हूँ

      Delete
  10. उम्दा प्रस्तुति ..
    ब्लॉग के एक वर्ष पूरे पर आपको हार्दिक बधाई.... यूँ निरंतर आपकी लेखनी चलती रहे चलती रहे ..

    ReplyDelete
  11. बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति.... आभार।

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहेदिल से आभार... स्वागत है आपका

      Delete
  12. ब्लॉगजगत में एक वर्ष पुरे होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई.. निरंतर लेखनी जारी रहे .....बहुत देर से पहुंच पाया हूँ

    ReplyDelete
  13. बेहतरीन.
    ब्लॉग के एक वर्ष पूरे पर आपको हार्दिक बधाई.

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार...कृतज्ञ हूँ इस अल्पावधि में मिले आप सभी के भरपूर स्नेह के लिए

      Delete
  14. देरी से यहाँ पहुँचने हेतु क्षमा चाहती हूँ ..ब्लॉग की दुनिया में एक साल पूरा कर लेने पर बधाई और आगे भी ऐसे ही लिखे रहें इसके लिए शुभकामनाएँ!
    ग़ज़ल बहुत उम्दा लगी खासकर यह शेर "हौसलेवाले न घबराते किसी तूफां से
    अज़्म के दीप हवाओं में जलाते रहिए"...

    ReplyDelete
    Replies
    1. अल्पना जी, क्षमा मांग कर शर्मिंदा न करें. देर से ही सही प्रतिक्रिया मिली. बहुत बहुत शुक्रिया आपका…

      Delete
  15. पहली बार पहुँची हूँ इस ब्लॉग पर ....और ये गज़ल बहुत करीबी लगी ...

    ReplyDelete
  16. स्वागत व आभार आदरणीया

    ReplyDelete

आपके विचारों एवं सुझावों का स्वागत है. टिप्पणियों को यहां पर प्रकट व प्रदर्शित होने में कुछ समय लग सकता है.