मान विगत को कम नहीं, आगत का सत्कार।
चार दिनों तक व्रत चले, छठ अनुपम त्यौहार।।
आदिदेव के अर्घ्य से, मिटते हैं दुःख क्लेश।
रिद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पदा, यश का हो उन्मेष।।
करें सूर्योपासना, रखें शुद्ध परिवेश।
समता औ' सद्भाव का, याद रखें संदेश।।
[छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ]
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
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हिमकर जी आप को भी छठ पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeletebahut sundar. "maan bigat ka kam nahin"- yeh ek bahut bada sandesh hai
ReplyDeleteसुन्दर रचना !
ReplyDeleteछट की सुन्दरता और पावनता को बाखूबी दोहों में उतारा है ... चित्र भी कमाल है ...
ReplyDeleteछठ पर्व की हार्दिक बधाई ...
ReplyDeleteRaravi Ji, हार्दिक अभिनन्दन. प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद.
ReplyDelete@अल्पना जी, प्रसून जी, दिगम्बर नासवा जी, हार्दिक आभार...मंगलकामनाएँ...
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