सामने आप मेरे रहा कीजिए
मुझको मुझसे न ऐसे जुदा कीजिए
है मुहब्बत अगर तो कहा कीजिए
बात दिल की हमेशा सुना कीजिए
क्या ख़ता है मेरी आप क्यूँ हैं ख़फ़ा
गर गिला हो कोई तो कहा कीजिए
कब बदल जाए नीयत किसी की यहाँ
हर किसी से न हँस के मिला कीजिए
मैंने अहसास दिल का बयाँ कर दिया
यूँ न हैरत से मुझको तका कीजिए
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
बहुत सुंदर गजल.
ReplyDeleteStunning story there. What occurred after?
ReplyDeleteTake care!
बहुत खूब
ReplyDeleteखूबसूरत गज़ल .
ReplyDeleteबहुत सादगी से कही गई सुंदर गज़ल ।
ReplyDeleteवाह।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर...
ReplyDeleteवाह्ह...बहुत सुंदर गज़ल।
ReplyDeleteहै मुहब्बत अगर तो कहा कीजिए
ReplyDeleteबात दिल की हमेशा सुना कीजिए
...वाह! बहुत खूब
कब बदल जाए नीयत किसी की यहाँ
ReplyDeleteहर किसी से न हँस के मिला कीजिए
....बहुत ही सादगी से कही गई सुंदर गज़ल पसंद आई हिमकर जी गोवर्घन पूजा की शुभ कामनाएँ !!
क्या ख़ता है मेरी आप क्यूँ हैं ख़फ़ा
ReplyDeleteगर गिला हो कोई तो कहा कीजिए ...
बहुत खूब ... लाजवाब शेर ग़ज़ल का ... सादगी और सरस शब्दों में कही कमाल ई ग़ज़ल ...