(चित्र गूगल से साभार) |
चाँदनी
सूने आंगन में
लिख देती है
तुम्हारा नाम
अक्सर
तमाम रात
हंसती है
बावरी चाँदनी
बात-बेबात
देती है
यह संदेशा
बार-बार
कि तुम हो
मेरे आसपास
तुम्हारे-
वजूद की खुशबू
तैरने लगती है
अंधेरे कमरे में
हंस उठते हैं
सारे पल उदास
कितना खुशनुमा
होता है
तुम्हारे होने का
फकत अहसास
छा जाता है
अंर्तमन में
उमंग-उल्लास
भूल जाता हूं
सारे विरह ताप
बैचेनियों को
मिल जाता है
अल्प विराम
तुम्हारे नाम के
चंद हर्फ़ों में
छिपा हो जैसे
जीने का पैगाम
जानता हूं -
कि रह जाना है
फिर खाली हाथ
अब चाहे यह
भ्रम हो या विश्वास
या ठगती हो
बावरी चाँदनी
हर रोज, हर बार
जो कुछ भी हो
सहर्ष सब स्वीकार।
© हिमकर श्याम
क्या कहने...
ReplyDeleteआपकी कविता में तो एक जादुई अहसास है..
जो मन को खूब भाते है...
बहुत ही सुन्दर कोमल भावनाओं से लिप्त सुन्दर अहसास जगाती सुन्दर रचना......
शुक्रिया रीना जी ...
Deleteprem ka ehsas hi jholi bhar deta hai fir chahe kuchh mile ya n mile .....:))
ReplyDeleteसहमत...इसी तरह अपनी प्रतिक्रिया देते रहिएगा …शुक्रिया...
Deleteबहुत खूब!!!
ReplyDeleteशुक्रिया...
Deleteतुम्हारे नाम के
ReplyDeleteचंद हर्फ़ों में
छिपा हो जैसे
जीने का पैगाम
....बहुत सुन्दर प्रेममयी प्रस्तुति....
धन्यवाद कैलाश जी...
Deleteप्रेम के खूबसूरत भावों में रची-बसी खूबसूरत रचना.......
ReplyDeleteअदिति जी, हार्दिक आभार !
Deleteबावरी चाँदनी
ReplyDeleteहर रोज, हर बार
जो कुछ भी हो
सहर्ष सब स्वीकार।
कितनी सुंदर पोस्ट ..... मन को ऊर्जा देती सी ...वाह-वाही करने से अच्छा इन भावों को अपने जीवन में उतारना!! ........आभार
धन्यवाद संजय जी...
Deleteचाँदनी रात में
ReplyDeleteसागर पर जैसे,
लहरे मचलती है .
एहसास शब्द बनकर,
इस काव्य में,
ऐसे ही पिघलती है ....
तुम्हारी प्रतिक्रिया पाकर खुशी हुई...
Deleteचांदनी प्रतीक है प्रेम का ... इसलिए प्रेम ही बरसायेगी ...
ReplyDeleteसही कहा आपने...शुक्रिया...
Deleteबहुत सुंदर.
ReplyDeleteधन्यवाद ...
Deleteतुम्हारे नाम के
ReplyDeleteचंद हर्फ़ों में
छिपा हो जैसे
जीने का पैगाम...........bahut hi roohani abhivykti!
आपकी प्रतिक्रिया पाकर खुशी हुई...स्वागत है आपका ...
Deleteबहुत ही खूबसूरत प्रेम के भावों में भीगे हुए शब्द ...किसी के पास होने भर का अहसास भी कभी -कभी जीने के संबल बन जाता है .
ReplyDeleteअल्पना जी, रचना की प्रशंसा के लिए आभार...
Deleteबहुत खूबसूरत प्रेम भाव से रची रचना....!!!
ReplyDeleteशुक्रिया रंजना जी...
Deleteवाह...कितना कुछ कहती रही आपकी भावपूर्ण रचना.. बहुत सुंदर..!!
ReplyDeleteआपकी प्रतिक्रिया पाकर खुशी हुई...स्वागत है आपका ...
Deleteमंगलवार 04/03/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteआप भी एक नज़र देखें
धन्यवाद .... आभार ....
आदरणीया विभा जी, उत्साहवर्धन हेतु आपका आभारी हूँ...
Deleteसुन्दर एवं सफल रचना। मानव-मन को
ReplyDeleteप्रभावित करने वाली रचना।
धन्यवाद।
आनन्द विश्वास।
बहुत बहुत धन्यवाद ...सादर !
Deleteजीवन में प्रेम और प्रेम में जीवन का अहसास कराती कविता......
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार ....
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