हँस कर कोयल ने कहा, आया
रे मधुमास
दिशा-दिशा में चढ़ गया,
फागुन का उल्लास
झूमे सरसों खेत में, बौराये
हैं आम
दहके फूल पलास के, हुई
सिंदूरी शाम
दिन फागुन के आ गए, सूना
गोकुल धाम
मन राधा का पूछता, कब
आयेंगे श्याम
टूटी कड़ियाँ फिर जुड़ीं, जुड़े दिलों के तार
प्रेम रंग में रँग गया, होली का त्यौहार
होली के हुड़दंग में, निकले मस्त मलंग
किसको यारों होश है, पीकर
ठर्रा भंग
होरी-चैती गुम हुई, गुम
फगुआ की तान
धीरे-धीरे मिट रही, होली
की पहचान
हँसी-ठिठोली है कहीं,
कहीं बहे है नीर
महंगाई की मार से, टूट
रहा है धीर
भूखा बच्चा न जाने, क्या
होली, क्या रंग
फीके रंग गुलाल हैं, जीवन
है बदरंग
अपनी-अपनी चाकरी, उलझे सब
दिन-रात
बूढ़ी आँखें खोजतीं, अब अपनों का साथ
'हिमकर' इस संसार में,
सबकी अपनी पीर
एक रंग में सब रँगे, राजा, रंक, फकीर
रातों-रात बदल गए, नेताओं
के रंग
कलतक जिसके साथ थे, आज
उसी से जंग
बिन पानी सब सून है, कह
गए कवि महान
सूखी होली खेल के, रखिए
उनका मान
दुख जीवन से दूर हो, खुशियाँ
मिले अपार
नूतन नई उमंग हो, फागुन
रंग बहार
सभी ब्लॉग विजिटर्स, संगी-साथियों, बंधु-बाँधवों और शुभचिंतकों को होली
की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
© हिमकर
श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
|
दिन फागुन के आ गए, सूना गोकुल धाम
ReplyDeleteमन राधा का पूछता, कब आयेंगे श्याम ..
holi ka tyohaar ho .. raadha krishn ka jikr n ho to holi adhoori rah jaati hai ... bahut hi lajawaab dohe hain ... man ko choote huye ...
holi ki haardik badhai ...
घोल प्यार में प्यार, घोल रंग में रंग ।
ReplyDeleteहोली है, होली खेल घनस्याम के संग ।१३४१।
बहुत सुंदर.
ReplyDeleteहोली की मंगलकामनाएँ !
वाह! सुन्दर,सामयिक प्रस्तुति....आप को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं....
ReplyDeleteनयी पोस्ट@हास्यकविता/ जोरू का गुलाम
BAHUT SARAS V SUNDAR ABHIVAYKTI .HOLI PARV KEE HARDIK SHUBHKAMNEYEN .
ReplyDeleteटूटी कड़ियाँ फिर जुड़ीं, जुड़े दिलों के तार
ReplyDeleteप्रेम रंग में रँग गया, होली का त्यौहार
बहुत सुंदर......
होली की मंगलकामनाएँ !
विविध रंगों से भरे बहुत मोहक दोहे ...हार्दिक बधाई ..शुभ कामनाएँ !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...होली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteआप सब का कोटिशः धन्यवाद और आभार …खुशियों के इन्द्रधनुष आप सभी के जीवन में हमेशा रंग भरते रहें.... होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.....
ReplyDeleteटूटी कड़ियाँ फिर जुड़ीं, जुड़े दिलों के तार
ReplyDeleteप्रेम रंग में रँग गया, होली का त्यौहार
.......... सुंदर रचना
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
रातों-रात बदल गए, नेताओं के रंग
ReplyDeleteकलतक जिसके साथ थे, आज उसी से जंग .....बहुत खूब आदरणीय. वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था पर प्रहार करती हुई पक्तियां.........
वाह...बहुत उम्दा और सामयिक पोस्ट...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@चुनाव का मौसम
बहुत ही लाजवाब रचना..
ReplyDeleteबहुत दिनों से पर्याप्त समय नहीं मिल पाया..
इसलिए देर से आयी हुँ
वाह रंगमय दोहे। बहुत ही उत्कृष्ट, सरल मगर अनमोल दोहे। बधाई
ReplyDeleteउत्साहवर्धन हेतु आप सभी का हार्दिक धन्यवाद!
ReplyDeleteअभिषेक जी, ब्लॉग से जुड़ने के लिए सहृदय आभार…
बहुत बढ़िया दोहे
ReplyDeleteवंदना जी, हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया...स्वागत है आपका...ब्लॉग से जुड़ने के लिए आभार...
Delete