Thursday 14 August 2014

क्या जश्ने आज़ादी

(चित्र गूगल से साभार) 

तड़प रही आबादी
क्या जश्ने आज़ादी

जन-गण में लाचारी
भूख  और बेकारी
हर आँखें फरियादी
क्या जश्ने आज़ादी

दर्द और तक़लीफ़ें   
टूट रही उम्मीदें
मुश्किलें बेमियादी
क्या जश्ने आज़ादी

ना बिजली, ना पानी
नित मारती गिरानी
खुशियाँ लगे मियादी
क्या जश्ने आज़ादी

यह मजहबी दरारें
जाति, धर्म, दीवारें 
हुकूमत में फ़सादी
क्या जश्ने आज़ादी

आगे-पीछे घातें
आतंक की बिसातें
बैचैन ज़िन्दगानी
क्या जश्ने आज़ादी

शहर शहर बंजारे 
गरीबों की कतारें
ज़ख्मों के सब आदी
क्या जश्ने आज़ादी

सत्ता की मनमानी
रिश्वत बेईमानी
अब दागदार खादी
क्या जश्ने आज़ादी

केवल सिसकियाँ रहीं
कुछ तब्दीलियाँ नहीं
काग़ज़ी कामयाबी
क्या जश्ने आज़ादी

अंदाज़ बदलता है
बस ताज़ बदलता है
जाती नहीं गुलामी
क्या जश्ने आज़ादी

हर तरफ तंगहाली
दूर अभी खुशहाली
हो जंग की मुनादी
क्या जश्ने आज़ादी

 © हिमकर श्याम

[जयहिन्द, आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!]

26 comments:

  1. Happy Independence Day ! In spite of every odd that we face,the light that is seen inviting us to uphold our Indianness is a great motivating force for us to say,HAPPY INDEPENDENCE DAY!

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  2. The life-force of Indianness in us will keep our motherland safe and upbeat and make her the beacon- light of the world!

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  3. हार्दिक आभार...

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  4. इस रचना के चयन के लिये धन्यवाद ।

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  5. सार्थक अभिव्यक्ति

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  6. बे-शक---?
    पर सपनों की रात बाकी है---सूरज निकल ही रहा है--भोर के स्वागत की तैयारी करते रहिये,

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    1. स्वागत है आपका...प्रतिक्रिया के लिए आभार !!

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  7. प्रिय हिमकर भाई ..
    सुन्दर रचना ..सार्थक अभिव्यक्ति ..जय हिन्द
    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाएं
    भ्रमर ५

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  8. कटु पर सटीक बात है .... ये हालात आज भी मौजूद हैं, यही विडंबना है

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  9. बहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति

    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----
    सादर --

    कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------
    aagrah hai mere blog main bhi sammlit hon

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    1. अवश्य...उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया के लिए आभार...ब्लॉग से जुड़ने के लिए हार्दिक धन्यवाद!

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  10. Replies
    1. Thanks for visiting and for the kind encouragement.

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  11. सार्थक अभिव्यक्ति मौजूद हैं ये हालात आज

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  12. बेहद प्रभावशाली रचना, बधाई.

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  13. बहुत सटीक और प्रभावी अभिव्यक्ति...

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  14. इस दिन को याद तो फिर भी रखना ही होगा जिस्सेये एहसास रहे की इसकी कीमत पहचाननी है ...
    प्रभावी रचना ...

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