(चित्र गूगल से साभार) |
हमारे आस-पास
तैरते हैं हर वक़्त
हमारी आँखों में
ख़्वाहिशों और कोशिशों के
एकमात्र साक्षी-सपने
बनते-बिखरते
सुलगते- मचलते
गिरते- संभलते
फूल सा महकते
काँच सा चटकते
हसरतों से तकते
ये बेज़ुबां सपने
अलग-अलग रंगों में
रूपों-आकारों में
आहों-उलाहनों में
गीतों में छंदों में
उदासियों-तसल्लियों में
देहरी पर, आँगन में
रहते हैं साथ-साथ
हैं हमसफर सपने
इन्हीं सपनों को
संजोया था हमने
कभी मन में
इन्हीं सपनों में
तलाशते रहे हम
जीवन के रंग
सपने, कभी हो न सके पूरे
रह गए हर बार अधूरे
फिर भी बुनते रहें हम
सपनों की सतरंगी झालर
उम्मीदें चूमती रहीं
सपनों का माथा
वक़्त कतरता रहा
सपनों के पर
टूटते-दरकते रहे
सपने दर सपने
बिखरती रहीं ख़ुशियाँ तमाम
टूटते रहे धैर्य और विश्वास
ओह! ये रेज़ा-रेज़ा सपने।
© हिमकर श्याम
बहुत सुंदर रचना.
ReplyDeleteसपने तो सपने होते हैं
कब होते हैं अपने
हार्दिक आभार...
Deleteसपने तो सपने होते हैं, कभी सजते हैं कभी टूटते हैं...फिर भी लगते अपने हैं...बहुत भावमयी अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा, रविवार, दिनांक :- 31/08/2014 को "कौवे की मौत पर"चर्चा मंच:1722 पर.
ReplyDeleteरचना के चयन के लिये धन्यवाद ।
Deleteकभी बिखरते कभी टूटते
ReplyDeleteकभी सवंरते कभी छूटते
सपनो की दुनिया न्यारी है
छलते अक्सर रोज लूटते
अज़ीज़ जौनपुरी
स्वागत है आपका...
Deleteसपने तो सपने हैं कभी न हुए अपने .....सुन्दर रचना !
ReplyDeleteगणपति वन्दना (चोका )
हमारे रक्षक हैं पेड़ !
सुंदर कथ्य सपनों का.
ReplyDeleteजरूरी नहीं सभी सपने पूर्ण हों---जो पूरे हुए वही आशीर्वाद है ईश्वर का.
वही दीप है अंधेरों का.
सहमत हूँ आपसे...हार्दिक आभार...
Deleteबहुत सुन्दर...........
ReplyDeleteस्वागत है आपका...प्रतिक्रिया के लिए आभार!!
Deleteभावपूर्ण प्रस्तुति....
ReplyDeleteबेजोड़ भाव...
ReplyDeleteकितना कुछ संजोये सपने ...... पूरे से....अधूरे से ....
बहुत-बहुत धन्यवाद!!
Deleteसपने तो रहते हैं हमेशा साथ किसी न किसी रूप में ... टूटते हैं तो भी नए आ जाते हैं .... जीवन की आशा जगाते हैं ...
ReplyDeleteसच कहा आपने...हार्दिक आभार...
Deleteमन के भीतर पनपते मनोभावों को
ReplyDeleteउकेरती बेहतरीन
रचना
सादर
हार्दिक आभार...
ReplyDeleteसुदंर कविता खासकर सपनों के सपने की बड़ी मनभावन व्याख्या की। और कैंसर से जंग करते हुए इन कविताओं की कीमत और बढ जाती है कि दर्द जीवन मौत के बीच अधर में होने के बाद भी कविताओं में ताजगी आकर्षण कलात्मकसौंदर्य और मीठे ख्यालात बार बार नजर आ रहे हैं। l
ReplyDeleteस्वागत व आभार
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