आज़ादी बेशक़ मिली, मन से रहे गुलाम।
राष्ट्रभाषा पिछड़ गयी, मिला न उचित मुक़ाम।।
सरकारें चलती रहीं, मैकाले की चाल।
हिंदी अपने देश में, उपेक्षित बदहाल।।
शिक्षा, शासन हर जगह, अंग्रेजी राज।
निज भाषा को छोड़कर, परभाषा पर नाज।।
मीरा, कबीर जायसी, तुलसी, सुर, रसखान।
भक्तिकाल ने बढ़ाया, हिंदी का सम्मान।।
देश प्रेमियों ने लिखे, थे विप्लव के गान।
इष्ट क्रांति की चेतना, हिंदी का वरदान।।
हिंदी सबको जोड़ती, करती है सत्कार।
विपुल शब्द भण्डार है, वैज्ञानिक आधार।।
स्वर व्यंजन के मेल का, नहीं है कोई जोड़।
देवनागरी को कहें, ध्वनि शास्त्री बेजोड़।।
बिन हिंदी चलता नहीं, भारत का बाज़ार।
टी .वी., फिल्मों को मिला, हिंदी से विस्तार।।
भाषा सबको बाँधती, भाषा है अनमोल।
हिंदी उर्दू मिल गले, देती हैं रस घोल।।
सब भाषा को मान दें, रखें सभी का ज्ञान।
हिंदी अपनी शान हो, हिंदी हो अभिमान।।
हिंदीजन मिल कर करें, हिंदी का उत्थान।
हिंदी हिंदुस्तान की, सदियों से पहचान।।
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
[आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ !!]
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सरकारें चलती रहीं, मैकाले की चाल।
ReplyDeleteहिंदी अपने देश में, उपेक्षित बदहाल।...
आभार..
Deleteसच्चाई बयान करती रचना !!
ReplyDeleteतहेदिल से आभार... स्वागत है आपका...
Deleteसच्चाई को बयां करती रचना.
ReplyDeleteप्रोत्साहन के लिए हृदय से आभार.
Deleteअहा ! आज के दिन इससे सुंदर पंक्तियां और क्या हो सकती हैं भला । बहुत ही सुंदर ..हिंदी दिवस की शुभकामनाएं स्वीकारें
ReplyDeleteआपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार.
Deleteसब भाषा को मान दें, रखें सभी का ज्ञान।
ReplyDeleteहिंदी अपनी शान हो, हिंदी हो अभिमान।।
सुन्दर अर्थपूर्ण पंक्तियाँ .... हिंदी का मान बना रहे
आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया से संबल मिला. प्रोत्साहन के लिए हृदय से आभार.
Deleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteलाजवाब।
स्वागत है आपका...प्रतिक्रिया के लिए आभार!!
Deleteदेश प्रेमियों ने लिखा, था विप्लव का गान।
ReplyDeleteप्रथम क्रांति की चेतना, हिंदी का वरदान।।
हिंदी सबको जोड़ती, करती है सत्कार।
विपुल शब्द भण्डार है, वैज्ञानिक आधार।।
सुन्दर ... हिंदी दिवस की शुभ कामनाएं अपनी हिंदी तो देश के माथे की विंदी है ही
भ्रमर ५
प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार...
Deleteबहुत सुन्दर और प्रभावी दोहे...
ReplyDeleteप्रतिक्रिया के लिए सादर आभार...
Deleteहिंदी सबको जोड़ती, करती है सत्कार।
ReplyDeleteविपुल शब्द भण्डार है, वैज्ञानिक आधार।..
बहुत सुन्दर प्रभावी और सही अर्थों में सार्थक दोहे ...हिंदी तो सच में ऐसी ही भाषा है ...
आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया से संबल मिला. प्रोत्साहन के लिए हृदय से आभार.
DeleteAapko Navratra sthapana ki Hardik Shubhkamnaye
ReplyDeleteआपको भी शुभकामनाएँ...
Deleteहिंदी से हिन्दुस्तान
ReplyDeleteदूजा नहीं महान!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
दशहरा की हार्दिक शुभकामनाऐं।
प्रोत्साहन और शुभकामनाओ के लिए हार्दिक आभार...
Deleteआभार...
ReplyDeleteहार्दिक आभार..
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