[पितृ दिवस पर]
1.
पिता का साया
तरुवर की छाया
पिता सुरक्षा
2.
ऊँगली थामे
कठिन डगर पे
राह दिखाये
3.
धीर-गंभीर
कठोर शख्सियत
कोमल दिल
4.
पिता का साथ
सुखद अहसास
पिता विश्वास
5.
जीवनदाता
सुसंस्कार सिखाता
पिता प्रेरणा
6.
बच्चों खातिर
तकलीफ़ें सहता
चैन गँवाता
7.
पिता का त्याग
वात्सल्य अनुराग
अतुलनीय
8.
पिता सहारा
शक्ति और संबल
मार्गदर्शक
9.
पिता की डांट
सख्ती अनुशासन
निश्छल प्यार
10.
सबकी इच्छा
अपना जो समझे
क्यों मोहताज़
11.
पिता महान
न भूलो अहसान
करो सम्मान
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
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सुन्दर हाईकू संग्रह
ReplyDeleteबहुत लाजवाब हाइकू ... पिता की भूमिका और इनके होने को चरित्राथ करते ...
ReplyDeleteलाजवाब हाइकू ..
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन के पितृ दिवस विशेषांक, क्यों न रोज़ हो पितृ दिवस - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन में इस पोस्ट को शामिल करने के लिये आभार.
Deleteमन को छूने वाले हाइकू
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (22-06-2015) को "पितृ-दिवस पर पिता को नमन" {चर्चा - 2014} पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
अन्तर्राष्ट्रीय योगदिवस की के साथ-साथ पितृदिवस की भी हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
चर्चा मंच पर इस पोस्ट को शामिल करने के लिये आभार.
Deleteek father ki importance life me kya hoti hai ise likhna bahut kathin hai or aapne yah kar dikhaya ..bahut sunder ..
ReplyDeleteमन को छूने वाले हाइकू अच्छे शब्दों से बांधा है
ReplyDeleteवाह, फादर्स डे पर पिता को समर्पित शानदार रचना।
ReplyDeleteसच कहा है, एक बच्चे के व्यक्तित्व विकास में पिता की बहुत बड़ी भूमिका होती है
ReplyDeleteसभी एक से सुन्दर हाईकु यह विधा मुझे बहुत पसंद है पर कठिन भी है लिखना,
बहुत बढ़िया !
पिता का साथ
ReplyDeleteसुखद अहसास
पिता विश्वास
5.
जीवनदाता
सुसंस्कार सिखाता
पिता प्रेरणा
पिता को समर्पित सुंदर हाइकू संग्रह ! आपके ब्लॉग का नाम शीराज़ा है , इसका क्या मतलब होता है हिमकर जी ?
स्वागत व आभार Yogi Saraswat ji...शीराज़ा का मतलब क्रम, सिलसिला, arrangements या बिखरी हुई चीजों की एकत्रता या संकलन होता है...
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना ,हैप्पी फादर्स डे
ReplyDeleteJitendra tayal ji, Digamber Naswa ji, Kunwar Kusumesh ji, Dr. Monika S Sharma ji, Madhulika Patel ji, रचना दीक्षित जी, कहकशां खान जी, Suman ji, harshita joshi ji, सराहना तथा प्रोत्साहन के लिए आप सभी का हृदय से धन्यवाद एवं आभार !
ReplyDelete~सादर
सुन्दर और सटीक रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteबहुत सुन्दर और प्रभावी हाइकु...
ReplyDeleteआभार आदरणीय
DeletePita ko samgrata se pesh kiya hai aapne. ati sundar.
ReplyDeleteहार्दिक आभार
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