Tuesday, 3 November 2015

ज़िंदगी

[आज इस 'ब्लॉगके दो वर्ष पूरे हो गए। इन दो वर्षों में आप लोगों का जो स्नेह और सहयोग मिलाउसके लिए तहे दिल से शुक्रिया और आभार। यूँही आप सभी का स्नेह और मार्गदर्शन मिलता रहे यही चाह है। इस मौक़े पर एक कविता आप सब के लिए सादर,] 


पहली बारिश में
चट्टानों के नीचे
दबी हुई बीजों से
फूटते हैं अंकुर

ज़र्ज़र इमारतों की
भग्न दीवारों के
बीच उग आते हैं
पीपल और बरगद

वासंती छुवन से
निष्प्राण शाखों पे
फूटने लगती हैं
नई-नई कोंपलें

हर रोजहर रात
जोशों-खरोस से
जूझते हैं मौत से 
सैकड़ों कीट-पतंगे

ईटों-गारों के बीच
पलती हैं चींटियाँ
तपती मरूभूमि में
खिलता है कैक्टस

मौत की वीरानियों में
करवट लेता है जीवन  
अथाह पीड़ा के बाद
मुस्कुराती है ज़िंदगी।

© हिमकर श्याम

(चित्र गूगल से साभार)

22 comments:

  1. ब्लॉग का जन्मदिन यूँ ही हर साल मनता रहे
    सार्थक लेखन

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    1. धन्यवाद। स्नेहाशीष बनाएँ रखें।

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  2. बहुत सुन्दर कविता , हार्दिक बधाई और सतत लेखन की शुभकामनायें

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  3. पहली बारिश से मचलते हैं कई मन ,और उठती हैं कई सारी उमंगें
    ब्लॉग की वर्षगांठ की बहुत बहुत बधाइयाँ

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  4. sundar rachna aur blog ki dusri varshgaanth ki badhai...

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  5. बधायी हो आपको।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (04-11-2015) को "कलम को बात कहने दो" (चर्चा अंक 2150) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. आभारी हूँ आदरणीय शास्त्री जी।

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  6. Aapko bhi likhte rahen ke liye shukriya, aise hi likhte rahiye...

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  7. कलात्मक विवरण

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    1. हार्दिक स्वागत। ब्लॉग अनुसरण करने के लिए तहेदिल से धन्यवाद।

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  8. sundar...dukh ki charam ke bad sukh ko aana hi hai....

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  9. मौत की वीरानियों में
    करवट लेता है जीवन
    अथाह पीड़ा के बाद
    मुस्कुराती है ज़िंदगी।
    ...बिलकुल सही..बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...

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  10. क्या बात है !.....बेहद खूबसूरत रचना....
    हिमकर जी,आप को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
    नयी पोस्ट@आओ देखें मुहब्बत का सपना(एक प्यार भरा नगमा)

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  11. बेहद सुंदर रचना की प्रस्‍तुति।

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