किसे बांधना चाहते होअपनी कविताओं में-खुद को, मुझे या दर्द को ?.......क्या बात है ?
फुर्सत मिले तो कभी हमारी देहलीज़ पर भी आये संजय भास्कर http://sanjaybhaskar.blogspot.in
अवश्य...यह मेरे लिए खुशी की बात होगी...
हार्दिक आभार संजय भास्कर जी.
दिल को छू लेनेवाली रचना..बेहद सुन्दर...http://mauryareena.blogspot.in/
प्रतिक्रिया लिए ह्रदय से आभार...
बंधन की परवाह किसे है?उडान की चाह हमें हैउड़ने की चाहत में,बंधन खोलआजाद कर दूँ विचारों को, शब्दों को, दर्द को
बहुत खूब...धन्यवाद...
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किसे बांधना चाहते हो
ReplyDeleteअपनी कविताओं में-
खुद को, मुझे या दर्द को ?
.......क्या बात है ?
फुर्सत मिले तो कभी हमारी देहलीज़ पर भी आये संजय भास्कर
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अवश्य...यह मेरे लिए खुशी की बात होगी...
Deleteहार्दिक आभार संजय भास्कर जी.
ReplyDeleteदिल को छू लेनेवाली रचना..
ReplyDeleteबेहद सुन्दर...
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प्रतिक्रिया लिए ह्रदय से आभार...
Deleteबंधन की परवाह किसे है?
ReplyDeleteउडान की चाह हमें है
उड़ने की चाहत में,
बंधन खोल
आजाद कर दूँ
विचारों को, शब्दों को, दर्द को
बहुत खूब...धन्यवाद...
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