1.
नव प्रभात
नव जोश उमंग
शुभ आरंभ
2.
रवि किरणें
हुईं उत्तरायण
उत्सव बेला
3.
रातें सिकुड़ी
लंबे हो गए दिन
ऋतु बदली
4.
जली लोहड़ी
तिल, गजक संग
बंटी रेवड़ी
5.
बिहू, पोंगल
हैं सूर्योपासना के
रूप अनेक
6.
हर्ष-उल्लास
उत्सव और मेले
श्रद्धा का पर्व
7.
उड़ी पतंगें
उन्मुक्त गगन में
रंग-बिरंगी
8.
कटी फसल
समृद्धि घर आई
ख़ुशी मनायें
9.
सात दाल से
बना कर खिचड़ी
भोग लगायें
10.
स्नान व ध्यान
तिल-गुड़ का दान
पुण्य विधान
11.
पावन गंगा
धरा पे उतरी
मोक्षदायिनी
12.
सेहत, शक्ति
ऊर्जा, ज्ञान, प्रकाश
मिले सूर्य से
13.
मंगल घट
जीवन में छलके
मिटे वेदना
14.
छँटे अँधेरा
बिखरे उजियारा
हर आँगन
15.
मंगलकारी
मकर संक्रांति हो
यही कामना
(चित्र गूगल से साभार)
|
बहुत सुन्दर हायकू. मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteनई पोस्ट : फासले कब मिटा करते हैं
आपको भी मंगलकामना मकर संक्रांति की. उत्तरायण सूर्य से बहुत अपेक्षाएं हैं अब. देह जमने सा लगा है..सब कुछ थमने सा लगा है.
ReplyDeleteबहुत खूब ... लोहड़ी और मकर सक्रांति को कम शब्दों की रचना कला में पिरो दिया ... गज़ब हैं सभी हाइकू ...
ReplyDeleteखूबसूरत हाइकू ----------- सार्थक चोका बन सकता था / अगर आप चाहते :)
ReplyDeleteअपने विचारों से अवगत कराने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद...ऐसा मैंने सोचा ही नहीं था...चोका लिखने का प्रयास करूँगा..
Deleteबहुत ही बढ़िया रचना,मकर संक्रांति की बहुत बहुत बधाइयाँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .............
ReplyDeleteप्रिय हिमकर जी आप तथा सभी मित्रों को नव वर्ष मकर संक्रांति तथा बिहू, पोंगल की ढेर सारी शुभ कामनाएं
भ्रमर ५
रवि किरणें
ReplyDeleteहुईं उत्तरायण
उत्सव बेला
सभी हाइकू बहुत खूबसूरत
लोहडी और संक्रांति के सुंदर चित्र खींचते हाइकू।
ReplyDeleteदिल को छू गए हर लफ्ज़ ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सभी हाइकू
खूबसूरत रचना !
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
बहुत सुन्दर हायकू....
ReplyDeleteवाह! एक से बढ़कर एक मौसमी हायकू .सभी अच्छे लगे .
ReplyDelete@निहार रंजन जी, Manoj Kumar ji, स्वागत है आपका...हार्दिक आभार
ReplyDelete@ राजीव कुमार झा जी , Digamber Naswa ji, Harshita ji, Bhramar ji, Vandana ji, Asha Joglekar ji, संजय भास्कर जी, Kavita Rawat ji, अल्पना वर्मा जी, आप सबों का आभार!!
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