अपने गम को भुलाएँ, नए साल में
आप हम मुस्कुराएँ, नए साल में
बेबसी का रहे अब न नामों निशाँ
दूर हों सब बलाएँ, नए साल में
ज़िन्दगी पर भरोसा सलामत रहे
फिर उम्मीदें जगाएँ, नए साल में
रंग, ख़ुशबू मिले, फूल, तितली हँसे
ख़ुशनुमा हों फिज़ाएँ, नए साल में
खौफ़, वहशत मिटे, यूँ न अस्मत लुटे
हों न आहत दिशाएँ, नए साल में
मज़हबी रंज़िशें बढ़ रहीं देखिए
बात बिगड़ी बनाएँ, नए साल में
क्यों अंधेरे में डूबी हुई बस्तियाँ
जो हुआ सो भुलाएँ, नए साल में
रो रही है धरा, देख आबोहवा
चल धरा को हँसाएँ, नए साल में
थी नदी एक यहाँ पर, जहाँ हम खड़े
वो नदी ढूंढ़ लाएँ, नए साल में
फ़र्क हिमकर नहीं, गैर अपने सभी
हर किसी को दुआएँ, नए साल में
नूतन वर्ष आपके और आपके अपनों के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, प्रसन्नता, सफ़लता और आरोग्य लेकर आए...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
बहुत सुन्दर . नव वर्ष की शुभकामनाएं !
ReplyDeleteनई पोस्ट : संस्कृत बनाम जर्मन और विलायती पारखी
नए साल के लिए सुन्दर नेक कामना प्रस्तुति हेतु आभार!
ReplyDeleteआपको भी सपरिवार नए साल के मंगलकामनाएं!
आभार...मंगलकामनाएँ!!
Deletebahut sundar ...naye sal ki shubh kamnaon ke sath...
ReplyDeleteस्वागत व आभार!!
Deleteपत्रकारिता के शुरुआती दौर में प्रभात खबर, पटना में मेरे एक दोस्त साथ में थे. जब मैं वहां से चला गया तब भी दोस्ती बनी रही. फिर समय बदल गया. ठिकाना भी. मुझे बहुत अच्छी तरह याद है कि करीब दस साल पहले हिन्दुस्तान मुजफ्फरपुर में रहते हुए एक दूसरे मित्र अजय प्रताप सिंह जी के माध्यम से उनसे बात हो पायी थी. लम्बा वक़्त निकल चुका है. आज ब्लॉग पर फिर वो दोस्त मिल गया है..
ReplyDeleteकैसे हैं हिमकर श्याम जी आप ?
प्रिय मित्र, हर्षित हूँ आपको यहाँ देख कर. पुरानी स्मृतियाँ ताज़ा हो गयीं, अभिनन्दन और आभार. नए साल के दूसरे ही दिन पुराना मित्र मिल गया. इससे अच्छी नए साल की शुरुआत क्या हो सकती है. सचमुच लम्बा अरसा हो गया. इस बीच कोई संबंध-सम्पर्क न रहा. इन दस सालों में बहुत कुछ पीछे छूट गया, केवल स्मृतियाँ ही शेष गयीं. वो भी क्या दिन थे. जोशो जूनून का दौर था. सुविधाएँ कम थीं पर काम करने में अलग आनंद था, उत्साह था. स्वार्थ रहित मित्र थे, मण्डली थी. मैं पहले से बेहतर हूँ, जंग जारी है. इलाज़ के साथ-साथ लेखन कार्य चल रहा है. बन्धुवर आशीष झा ने लेखन कार्य दोबारा शुरू करने लिए प्रेरित किया और ब्लॉग एक माध्यम बना. आप अपनी बताएँ, कहाँ हैं आजकल?
Delete'थी नदी एक यहाँ पर, जहाँ हम खड़े
ReplyDeleteवो नदी ढूंढ़ लाएँ, नए साल में '
बहुत खूब !
नए साल के स्वागत में सकारात्मक भाव से भरपूर यह रचना बहुत पसंद आई.
आपको भी नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ...अल्पना
हार्दिक आभार....मंगलकामनाएँ!!
Deleteरंग, ख़ुशबू मिले, फूल, तितली हँसे
ReplyDeleteख़ुशनुमा हों फिज़ाएँ, नए साल में
खौफ़, वहशत मिटे, यूँ न अस्मत लुटे
हों न आहत दिशाएँ, नए साल में
मज़हबी रंज़िशें बढ़ रहीं देखिए
बात बिगड़ी बनाएँ, नए साल में
आमीन !!
बहुत-बहुत शुक्रिया
Deleteफ़र्क हिमकर नहीं, गैर अपने सभी
ReplyDeleteहर किसी को दुआएँ, नए साल में
........वह हिमकर श्याम जी
आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ .....!!
-- संजय भास्कर
आभार...मंगलकामनाएँ!!
Deleteबहुत ही अच्छी जानकारी मिल रही है आपकी साईट से
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स्वागत व आभार!!
Deleteबहुत सुन्दर, आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ
ReplyDeleteस्वागत व आभार!!
Deleteखौफ़, वहशत मिटे, यूँ न अस्मत लुटे
ReplyDeleteहों न आहत दिशाएँ, नए साल में
मज़हबी रंज़िशें बढ़ रहीं देखिए
बात बिगड़ी बनाएँ, नए साल में
क्यों अंधेरे में डूबी हुई बस्तियाँ
जो हुआ सो भुलाएँ, नए साल में
सब के मन की आस पिरोई है इस गीत में
सब कामनाएं हों पूरी नये साल में।
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
बहुत-बहुत शुक्रिया
Deleteशुभ नववर्ष।
ReplyDeleteआभार...मंगलकामनाएँ!!
Deleteखौफ़, वहशत मिटे, यूँ न अस्मत लुटे
ReplyDeleteहों न आहत दिशाएँ, नए साल में ..
हर शेर नायाब ... प्रेरित करता अहि ... आशा और सकारात्मक भाव लिए ...
काश क २०१५ ऐसा ही हो ...
नव वर्ष की मंगलकामनाएं ...
आभार...मंगलकामनाएँ!!
Deletenice post
ReplyDeleteआभार, स्वागत है आपका...ब्लॉग से जुड़ने के लिए धन्यवाद!!
Deleteनव वर्ष की मंगलकामनाएं
ReplyDeleteस्वागत है आपका... नव वर्ष की शुभकामनाएँ!!
Deleteबहुत ख़ूबसूरत ख्वाहिशें...नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं!
ReplyDeleteआभार...मंगलकामनाएँ!!
Deleteसार्थक प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (12-01-2015) को "कुछ पल अपने" (चर्चा-1856) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
उत्साहवर्धन हेतु आपका आभारी हूँ...रचना के चयन के लिए धन्यवाद ।
ReplyDeleteआमीन ! ऐसा ही हो ! हिमकर श्याम जी आपको भी नए साल की की बहुत बहुत शुभकामनाएं !
ReplyDeleteसंत -नेता उवाच !
क्या हो गया है हमें?
आभार...मंगलकामनाएँ!!
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