!श्री गणेशाय नमः!
गणपति, गणनायक हरें, सभी के दुःख क्लेश।
शिव-गौरी के लाड़ले, प्रथम पूज्य गणेश।।
ऋद्धि-सिद्धि सुख सम्पदा, करते जो प्रदान।
विघ्न विनाशक आ गए, करे जग कल्याण।।
मूषक वाहन साथ में, भाता मोदक भोग।
सिद्धि विनायक भुवनपति, वंदन करते लोग।।
[गणेश चतुर्थी और विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएँ]
© हिमकर श्याम
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 18 सितम्बर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteआभारी हूँ
Deleteआभारी हूँ
ReplyDeleteमंगलमूर्ति का शुभागमन सबका मंगल करे !
ReplyDeleteस्वागत है आपका आदरणीया, आभार
Deleteअध्यात्मिक पोस्ट तो हमेशा सुंदर और अच्छी होती हैं।
ReplyDeleteस्वागत व आभार
Deleteसुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार....
बहुत सुन्दर दोहे ... जय हो बाप्पा की ...
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sundar likhen....jay-jay ho ganpati ki..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया । जय श्री गणेश ।
ReplyDeleteसराहना तथा प्रोत्साहन के लिए आप सभी का आभार! सादर
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