क्या बतायें तमाशा हुआ क्या
देखिये और होता है क्या-क्याक्या अना, क्या वफ़ा, है हया क्याइस अहद में भला क्या, बुरा क्याबेनिशां हैं अभी मंजिलें सबहर कदम देखना आबला क्याकोस मत तू मुक़द्दर को अपनेसर पटकने से है फायदा क्याये नसीबों का है खेल साराजो मिला सो मिला अब गिला क्यादूर तक बदहवासी के सायेदीप फिर नफरतों का जला क्याहौसला रख थमेगा ये तूफ़ाँकर खुदी पे यकीं नाखुदा क्याहिमकर श्याम
wah !!!
ReplyDeleteहार्दिक आभार...
Deleteहौसला रख थमेगा ये तूफ़ाँ
ReplyDeleteकर खुदी पे यकीं नाखुदा क्या
सच कहा । अपने पर यकीन होना चाहिये। सुंदर प्रस्तुति।
शुक्रिया आपका
Deleteशुक्रिया आपका
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