Monday, 26 January 2015
Saturday, 24 January 2015
हे वागीश्वरी
Wednesday, 14 January 2015
उत्सव बेला
Monday, 12 January 2015
मानवता ही धर्म
Thursday, 1 January 2015
हर किसी को दुआएँ नए साल में
अपने गम को भुलाएँ, नए साल में
आप हम मुस्कुराएँ, नए साल में
बेबसी का रहे अब न नामों निशाँ
दूर हों सब बलाएँ, नए साल में
ज़िन्दगी पर भरोसा सलामत रहे
फिर उम्मीदें जगाएँ, नए साल में
रंग, ख़ुशबू मिले, फूल, तितली हँसे
ख़ुशनुमा हों फिज़ाएँ, नए साल में
खौफ़, वहशत मिटे, यूँ न अस्मत लुटे
हों न आहत दिशाएँ, नए साल में
मज़हबी रंज़िशें बढ़ रहीं देखिए
बात बिगड़ी बनाएँ, नए साल में
क्यों अंधेरे में डूबी हुई बस्तियाँ
जो हुआ सो भुलाएँ, नए साल में
रो रही है धरा, देख आबोहवा
चल धरा को हँसाएँ, नए साल में
थी नदी एक यहाँ पर, जहाँ हम खड़े
वो नदी ढूंढ़ लाएँ, नए साल में
फ़र्क हिमकर नहीं, गैर अपने सभी
हर किसी को दुआएँ, नए साल में
नूतन वर्ष आपके और आपके अपनों के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, प्रसन्नता, सफ़लता और आरोग्य लेकर आए...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
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