Friday, 21 August 2015

ब्रह्म कमल


[ब्रहम कमल एक दुर्लभ पुष्प है, जो साल में एक बार (रात्रि में), सिर्फ एक रात के लिए खिलता है. इसका नाम सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के नाम पर रखा गया है. इसे शुभ फूल माना जाता है. इसकी गंध बड़ी मादक होती है. ब्रह्म कमल को उत्तराखंड का राज्य पुष्प घोषित किया गया है. पिछले हफ्ते यह मेरे लॉन में खिला था.]


ब्रह्म कमल
सौंदर्य अनुपम
मनभावन

दुर्लभ पुष्प 
सुवासित कानन  
खिला आँगन

शशि किरण
खिला दुधिया फूल
फैली गंध

© हिमकर श्याम

Saturday, 15 August 2015

जय,जय, जय माँ भारती

चंद दोहे देश के उन वीर सपूतों/बालाओं के नाम जिन्होंने देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई थी। उन राष्ट्रभक्तों/राष्ट्रनायकों के नाम जिन पर माँ भारती को नाज़ है, जिनकी वजह से हम सभी भारतीय कहलाने में गर्व महसूस करते हैं। 


बाबू कुँवर सिंह
सन सत्तावन का ग़दर, चमक उठी तलवार।
वीर कुँवर रण बाँकुरे, मानी कभी न हार।।
रानी लक्ष्मी बाई
धरती थी बुन्देल की, झाँसी का मैदान।
ख़ूब लड़ी थी शेरनी, दुश्मन थे हैरान।।
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु
हुए कुर्बान वतन पर, हँस कर दे दी जान।
भगत, राज, सुखदेव का, व्यर्थ न हो बलिदान।।
मिटे वतन पर नौजवाँ,  बने हिन्द की शान।
मिटा दमन का हर निशाँ,  गूँजा गौरव गान।।
खुदीराम बोस
अलख जगाया क्रान्ति कान्योछावर कर प्राण।
हँस कर सूली पर चढ़ासिखलाया बलिदान।।
चंद्रशेखर आज़ाद
देशभक्त को आज भी, करता भारत याद।
कोई वैसा ना हुआ, क्रान्तिवीर आज़ाद।।
लाल, बाल और पाल
लाल-बाल औ' पाल सेफिरंगी परेशान।
वीर पंजाब केसरीहिन्द देश की शान।।
नारा दिया स्वराज का, किया क्रांति ऐलान।
तिलक प्रणेता हिन्द के, राष्ट्रवाद पहचान।।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस
उठो, जवानों देश पर, हो जाओ कुर्बान।
आज़ादी के वास्ते, करो रक्त का दान।।
आज़ाद हिन्द फौज से, चढ़ी क्रांति परवान।
गर्व करे माँ भारती, करे राष्ट्र अभिमान।।
गुमनाम शहीदों के नाम 
मातृभूमि के वास्ते, अर्पित कर दी जान।
ऐसे वीर शहीद पर, करे राष्ट्र अभिमान।।
खत्म हुई अब दासता, हुआ मुल्क आज़ाद।
टूट गईं सब बेड़ियाँ, रहो शाद आबाद।।
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी
गाँधी ने जग को दिया, सर्वोदय का ज्ञान।
सत्य, अहिंसा, सादगी, बापू की पहचान।।
देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद
प्रथम नागरिक देश के, दिल से मगर किसान
सहजता और सादगी, थी जिनकी पहचान
लाल बहादुर शास्त्री
तप कर कुंदन वह बने, थे गुदड़ी के लाल।
कद में छोटे थे मगर, कायम किया मिसाल।।
ए.पी. जे. अब्दुल कलाम
सहज-सरल गुणी महान, भला नेक इंसान।
राष्ट्र सबल सक्षम बने, मन में था अरमान।।
याद बहुत वह आएगा, प्रेरक शख्स कलाम।
सच्चे भारत रत्न को, झुक कर करो सलाम।।
माँ भारती के लिए
सब धर्मों को मान दे, भारत देश महान। 
जय,जय, जय माँ भारती, जाँ तुझ पर क़ुर्बान

और अंत में एक अपील

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ 

© हिमकर श्याम 


Saturday, 8 August 2015

खाली पेट का शैतान


सुना था बुजुर्गों से
बचपन में हमने कि
खाली दिमाग शैतान का घर
इस फ़लसफ़े को गढ़नेवाले
या फिर इसे कहनेवाले
भूल गये होंगे यह बताना
या विचारा नहीं होगा कि
खाली पेट शैतान का घर
क्योंकि खाली पेट में भी
बसता है एक शैतान
जो भारी पड़ता है
खाली दिमागवाले शैतान पर

भूख की ज्वाला में
झुलस जाती है संवेदनाएँ
सारे आदर्श, सारे ईमान
भूल जाता है इंसान
सारे मान-अभिमान
कायदे-कानून, बुरा-भला 
नैतिकता, हर फ़लसफ़ा 
अभावों के जीवाणु
हर पल करवाते है   
हालात से समझौता 
चाट जाते हैं मनुष्यत्व को

भूख ने ही बनाया था 
आदि मानव की खानाबदोश
तिल-तिल जलने की पीड़ा  
निगल जाती है आदमीयत
खत्म हो जाती है फिर
सोचने-समझने की शक्ति 
आदमी हो जाता है तैयार
पशुवत जीने के लिए
क्षुधा मिटाने की खातिर
बन जाता है वह खतरनाक
भर जाता है उसमें वहशीपन

भोजन के अलावा नहीं है
भूख का कोई विकल्प
पापी पेट के लिए
क्या-क्या नहीं करता है इंसान 
जब भूख ने किया था परेशान
विश्वामित्र ने खाया था श्वान
भूख आदमी को
बना देती है लाचार
करवाती है अपराध 
मंगवाती है भीख 
बिकवाती है ज़िस्म
नहीं कर सकता कोई
भूख की अवहेलना
क्योंकि मरने से अधिक
श्रेयस्कर है जीते रहना

© हिमकर श्याम


(चित्र गूगल से साभार)