दिल की बातें पढ़तीं माएँ
दर्द भले हम लाख छुपाएँ
दर्द भले हम लाख छुपाएँ
रहती हरदम साथ दुआएँ
हर लेती सब कष्ट बलाएँ
हर लेती सब कष्ट बलाएँ
नाम कई एहसास वही है
इक जैसी होती सब माएँ
इक जैसी होती सब माएँ
फ़ीके लगते चाँद सितारे
माँ के जैसा कौन बताएँ
माँ के जैसा कौन बताएँ
सारी पीड़ा हँस के सहती
कर देती माँ माफ़ ख़ताएँ
कर देती माँ माफ़ ख़ताएँ
माँ का रिश्ता सबसे प्यारा
रब से ऊपर होतीं माएँ
रब से ऊपर होतीं माएँ
ममता का कोई मोल नहीं
कैसे माँ का क़र्ज़ चुकाएँ
कैसे माँ का क़र्ज़ चुकाएँ
© हिमकर श्याम
(तस्वीर और रेखाचित्र मेरे भाँजे अंशुमान आलोक की)