भुला कर नफ़रतें सारी गले मिल यार होली में मिटा दे अब दिलों की रंजिशें, तक़रार होली में
मिटे हर रंज दुनिया से, चमन गुलज़ार होली में सभी के वास्ते हो खुशनुमा संसार होली में
खिली सरसों, हँसे टेसू, पलाशी मन हुआ देखो भरे है रंग कुदरत में बड़ा गुलकार होली में
नज़ारा है बड़ा दिलकश, हवा में तैरती ख़ुशबू पहन कर झूमता मंज़र गुलों का हार होली में
तुम्हारे बिन हैं फ़ीके रंग सारे अब चले आओ लिए बैठे हैं दिल में हसरत ए दीदार होली में
चढ़ी है फाग की मस्ती, हिलोरे मारता है दिल हैं बिखरे रंग खुशियों के सभी सरशार होली में
लिए हाथों में रंगों से भरी पिचकारियाँ बच्चे मचा हुड़दंग सड़कों पे, सभी तैयार होली में
घुला है भंग मौसम में, खुमारी चढ़ गई सब पे कि रहना मनचलों से यार तू हुश्यार होली में
नहीं चढ़ता कोई भी रंग रंगा प्रीत में जो भी मुझे भी रंग अपने रंग में दिलदार होली में
जला दो हर बुराई होलिका के साथ में अबकी बने हर आदमी अब साहब ए किरदार होली में
उदासी दूर हो सबकी, लबों पे हो हँसी 'हिमकर'
मुबारक़ हो सभी को रंग का त्योहार होली में
[सभी ब्लॉग विजिटर्स, संगी-साथियों, बंधु-बाँधवों
और शुभचिंतकों को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ]
© हिमकर
श्याम
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