Tuesday, 14 March 2017
तितलियाँ
चंचल मोहक तितलियाँ, रंग-बिरंगे पंख
करती
थीं
अठखेलियाँ, जो फूलों के संग
बगिया में रौनक नहीं, उपवन है बेरंग
कहाँ तितलियाँ गुम हुईं, लेकर सारा रंग
©
हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)
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