कई तहज़ीब,भाषा,धर्म की पहचान है भारत
कहीं गिरजा, कहीं मस्जिद, शिवाला और गुरुद्वारा
कभी होली कभी क्रिसमस कभी रमज़ान है भारत
कभी होली कभी क्रिसमस कभी रमज़ान है भारत
कोई नफ़रत भी बोता तो पनपती है मोहब्बत ही
अज़ब जादू है माटी में, कोई वरदान है भारत
अज़ब जादू है माटी में, कोई वरदान है भारत
चलो मिलकर बचाएँ हम इसे फ़िरक़ापरस्ती से
न तेरा है, न मेरा है हमारी जान है भारत
न तेरा है, न मेरा है हमारी जान है भारत
नहीं पूरे हुए सपने, करे उम्मीद भी कब तक
मचलता है जो सीने में वही अरमान है भारत
मचलता है जो सीने में वही अरमान है भारत
इसे सींचा लहू देकर भगत अशफाक़ बिस्मिल ने
पुराणों वेद की धरती जहाँ की शान है भारत
पुराणों वेद की धरती जहाँ की शान है भारत
ये वहशी दौर है 'हिमकर' नहीं महफ़ूज़ है कोई
हवाएँ देख नफ़रत की बहुत हैरान है भारत
हवाएँ देख नफ़रत की बहुत हैरान है भारत
© हिमकर श्याम
(चित्र गूगल से साभार)