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Thursday, 24 September 2015

सौदा



गई रात ख्यालों में
देने लगा कोई दस्तक
पूछा- कौन ?
बोला-सौदागर
इतनी रात गए कैसे?
सौदा करने
कैसा सौदा?
ज़मीर का- बेचोगे?
बदले में क्या दोगे?
चमचमाते सोने के कुछ टुकड़े।


© हिमकर श्याम 

(एक पुरानी रचना)

चित्र गूगल से साभार