1.
नव प्रभात
नव जोश उमंग
शुभ आरंभ
2.
रवि किरणें
हुईं उत्तरायण
उत्सव बेला
3.
रातें सिकुड़ी
लंबे हो गए दिन
ऋतु बदली
4.
जली लोहड़ी
तिल, गजक संग
बंटी रेवड़ी
5.
बिहू, पोंगल
हैं सूर्योपासना के
रूप अनेक
6.
हर्ष-उल्लास
उत्सव और मेले
श्रद्धा का पर्व
7.
उड़ी पतंगें
उन्मुक्त गगन में
रंग-बिरंगी
8.
कटी फसल
समृद्धि घर आई
ख़ुशी मनायें
9.
सात दाल से
बना कर खिचड़ी
भोग लगायें
10.
स्नान व ध्यान
तिल-गुड़ का दान
पुण्य विधान
11.
पावन गंगा
धरा पे उतरी
मोक्षदायिनी
12.
सेहत, शक्ति
ऊर्जा, ज्ञान, प्रकाश
मिले सूर्य से
13.
मंगल घट
जीवन में छलके
मिटे वेदना
14.
छँटे अँधेरा
बिखरे उजियारा
हर आँगन
15.
मंगलकारी
मकर संक्रांति हो
यही कामना
(चित्र गूगल से साभार)
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