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Thursday, 24 March 2016

भुला कर नफ़रतें सारी गले मिल यार होली में



भुला कर नफ़रतें सारी गले मिल यार होली में
मिटा दे अब दिलों की रंजिशेंतक़रार होली में

मिटे हर रंज दुनिया सेचमन गुलज़ार होली में
सभी  के  वास्ते  हो  खुशनुमा  संसार होली में

खिली सरसोंहँसे टेसूपलाशी मन हुआ देखो
भरे है रंग कुदरत में बड़ा गुलकार होली में

नज़ारा है बड़ा दिलकश,  हवा में तैरती ख़ुशबू
पहन कर झूमता मंज़र गुलों का हार होली में

तुम्हारे बिन हैं फ़ीके रंग सारे  अब चले आओ
लिए बैठे हैं दिल में  हसरत ए  दीदार होली में

चढ़ी है फाग की मस्ती,  हिलोरे मारता है दिल
हैं बिखरे रंग खुशियों के सभी सरशार होली में

लिए हाथों में रंगों से भरी पिचकारियाँ  बच्चे
मचा हुड़दंग सड़कों पे,  सभी तैयार होली में

घुला है भंग मौसम मेंखुमारी चढ़ गई सब पे
कि रहना मनचलों से यार तू  हुश्यार होली में

नहीं चढ़ता कोई भी रंग रंगा प्रीत में जो भी
मुझे  भी रंग अपने रंग में  दिलदार होली में

जला दो हर बुराई  होलिका  के साथ में  अबकी
बने हर आदमी अब साहब ए किरदार होली में

उदासी दूर हो सबकी, लबों पे हो हँसी 'हिमकर'
मुबारक़ हो सभी को रंग का त्योहार होली में


[सभी ब्लॉग विजिटर्ससंगी-साथियोंबंधु-बाँधवों
 और शुभचिंतकों को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ]

© हिमकर श्याम




Saturday, 28 February 2015

रंग नहीं होली के रंगों में

        (चित्र गूगल से साभार)

फिर बौरायी मंजरियों के बीच
कोयल कूकी,
दिल में एक टीस उठी
पागल भोरें मंडराने लगे,
अधखिली कलियों के अधरों पर
पलाश फूटे या आग
किसी मन में,
चूड़ी की है खनक कहीं,
कहीं थिरकन है अंगों में,
ढोल-मंजीरों की थाप
गूंजती है कानों में
मौसम हो गया है अधीर,
बिखर गये चहूं ओर रंग-अबीर
पर बिन तुम्हारे
रंग नहीं होली के रंगों में |

© हिमकर श्याम